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16 Feb, 2025

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत

एक ही जगह के आसपास सारी ट्रेनें लगाना बड़ी गड़बड़ी थी. हम लोग छठ के समय पर होल्ड-अप एरिया बनाते हैं ताकि अतिरिक्त भीड़ को वहां रोक सकें. इस बार कुंभ में रेलवे ने ऐसी कोई तैयारी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर नहीं की थी."

इस हादसे का शिकार महिलाएं और बच्चे भी हुए हैं. रेलवे के मुताबिक़ कुंभ स्नान के लिए प्रयागराज जाने वालों की भारी भीड़ की वजह से यह भगदड़ हुई है.

यह हादसा ऐसे समय में हुआ है, जब रेलवे की तरफ से लगातार स्पेशल ट्रेनें चलाने और कुंभ मेले की भीड़ पर वॉर रूम (मॉनिटरिंग रूम) के ज़रिए नज़र रखने का दावा किया जा रहा है.

रेलवे सुरक्षा बल के पूर्व महानिदेशक अरुण कुमार का कहना है, "इस मामले में पूरी तरह से समन्यवय का अभाव दिखाई दिया है. आरपीएफ़ हर वक्त सीसीटीवी पर भीड़ की मॉनिटरिंग करता है और ज़रूरी सूचना भेजता है."

"अगर स्टेशन के किसी प्लेटफॉर्म पर भारी भीड़ जमा थी तो अगली ट्रेन को किसी और प्लेटफॉर्म पर आने को कहना चाहिए था, एक ही जगह के आसपास सारी ट्रेनें लगाना बड़ी गड़बड़ी थी. हम लोग छठ के समय पर होल्ड-अप एरिया बनाते हैं ताकि अतिरिक्त भीड़ को वहां रोक सकें. इस बार कुंभ में रेलवे ने ऐसी कोई तैयारी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर नहीं की थी."

अरुण कुमार मानते हैं कि नई दिल्ली स्टेशन पर वही ग़लती की गई है, जिसके बारे में पहले से पता होना चाहिए था.वो कहते हैं कि रेलवे की तरफ से चूक हुई है और वो शाम से छह बजे से रात दस बजे तक बढ़ती भीड़ को व्यवस्थित नहीं कर पाए.

इसी दौरान रात के क़रीब साढ़े नौ से पौने दस के बीच दो प्लेटफॉर्म पर हालात बेकाबू हो गए. लोग एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म की तरफ भागने लगे. इस कारण मची भगदड़ में लोग एकदूसरे पर गिरने लगे. हादसे में अब तक 18 लोगों की जान गई है और कई घायल हुए हैं.

यही वो वक्त था जिस समय भगदड़ ने पहली दस्तक दी. हालांकि रेलवे अधिकारी हादसे का समय और वजह जानने के लिए जांच पूरी होने तक का इंतज़ार कर रहे हैं.इस दौरान स्टेशन पर मौजूद एक चश्मदीद का कहना है कि रात के क़रीब साढ़े नौ बजे तक भीड़ बहुत ज़्यादा बढ़ चुकी थी, लेकिन भगदड़ शुरू नहीं हुई थी.हालांकि उनका कहना है कि जितनी बड़ी संख्या में भीड़ थी, उस हिसाब से सुरक्षाकर्मी नज़र नहीं आ रहे थे.इस मामले में रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले कुछ लोगों ने नाम न ज़ाहिर करने की शर्त पर हमें बताया कि स्पेशल ट्रेन की घोषणा के बाद मुसाफ़िर कन्फ्यूज़ हो गए कि क्या करें. उनके सामने अचानक दो विकल्प आ गए, तो प्लेटफ़ॉर्म नंबर 12 वाले प्लेटफ़ॉर्म नंबर 14 की तरफ भागने लगे और 14 वाले 12 की तरफ भागने लगे. इसी में भगदड़ हो गई.

उनका कहना है लोगों को समझ में नहीं आ रहा था कि किस ट्रेन से जाएं, एक ही समय में दोनों ट्रेनों की घोषणा की वजह से यह सब हुआ है.

दूसरी तरफ कुछ मुसाफिरों और चश्मदीदों ने आरोप लगाए हैं कि रेलवे ने अंतिम समय में प्लेटफॉर्म बदले की घोषणा कर दी, जिसकी वजह से यह भगदड़ हुई.