26-04-2025 • मध्यप्रदेश भारत के विकास को गति दे रहा है : केंद्रीय गृह मंत्री शाह    • मध्यप्रदेश में निवेश का सही समय : प्रधानमंत्री श्री मोदी    • शुभ संकल्पों से समाज और राष्ट्र का उत्थान  - मुख्यमंत्री श्री साय    • तेलंगाना में निर्माणाधीन एसएलबीसी सुरंग में हादसा    • जीआईएस-2025 रचेगी भोपाल का नया इतिहास : मुख्यमंत्री डॉ. यादव    • रेखा गुप्ता होंगी दिल्ली की नई सीएम    • नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत    • तीन इजरायली और 369 फिलिस्तीनी कैदी रिहा    • क्षिप्रा का पानी होगा शुद्ध, चलेंगी नाव : मुख्यमंत्री डॉ. यादव    • हमारे रिश्तों की बुनियाद मजबूत-संजय सिंह    


07 Feb, 2025

भारतीयों की गरिमा और मानवता

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में कहा कि अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों को वापस भेजा गया है यह कोई पहली बार नहीं हुआ है 2012 से ही डिपोर्टेशन के तहत मिलिट्री प्लेन से लोगों को वापस भेजा जाता है ,भारतीयों के साथ किसी तरह का दुर्व्यवहार नहीं हुआ । अवैध प्रवासियों को हथकड़ी लगाकर भेजना अमेरिकी नीति है और यह सभी देशों पर लागू है।

अमेरिका से भेजे गए 104 अवैध प्रवासियों के साथ जिस तरह से निर्दयता का व्यवहार किया गया है वह वाकई में शर्मनाक है और सरकार ने भी जिस तरीके से उसका जवाब दिया है वह उससे भी ज्यादा शर्मनाक है ।संसद में जब यह मुद्दा उठाया गया विपक्ष ने इस पर काफी हंगामा किया, इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में कहा कि अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों को वापस भेजा गया है यह कोई पहली बार नहीं हुआ है 2012 से ही डिपोर्टेशन के तहत मिलिट्री प्लेन से लोगों को वापस भेजा जाता है ,भारतीयों के साथ किसी तरह का दुर्व्यवहार नहीं हुआ । अवैध प्रवासियों को हथकड़ी लगाकर भेजना अमेरिकी नीति है और यह सभी देशों पर लागू है। सरकार का पक्ष सुनकर बेहद आश्चर्य भी हुआ और शर्म भी आई के भारतीयों को जब रोजगार नहीं मिल रहे हैं तभी तो वह अवैध रूप से वहां तक गए अपना घर बार बेचकर और दूसरे रास्तों से ताकि उनका घर परिवार बन सके और चार पैसे कमा सके । इसमें क्या गलत है परंतु सरकार का यह कहना कि यह अमेरिका की नीति है और सब देशों पर लागू है तो कोलंबिया ने यह अपने ऊपर लागू क्यों नहीं होने दिया , 5 करोड़ की आबादी वाले देश ने अमेरिका को दिखा दिया कि वह अपनी आवाम के साथ हैं और उनकी सुरक्षा के प्रति चिंतित भी,यह उनकी सरकार की दम थी कि जब अमेरिका ने कोलंबिया के प्रवासी लोगों को सैन्य विमान से भेजने को कहा तो राष्ट्रपति ने चेताया कि विमान उतरने नहीं देंगे, राष्ट्रपति ने पेसेजंर प्लेन भेजा और अपने नागरिकों को बा इज्जत बुलाया। यह थी अपने देश के लोगों के प्रति उनकी निष्ठा उनकी लगन उन्होंने उन लोगों को गलत साबित नहीं किया बल्कि उनके प्रोटेक्शन में खुद खड़े हुए और उन्होंने अपने युवाओं को भरोसा दिलाया कि अपने देश में इज्जत की जिंदगी जीने के लिए सरकार उनकी पूरी मदद करेगी। भारत में जिस तरीके का संसद के अंदर उन लोगों के लिए वक्तव्य दिया है वह ना काबिले बर्दाश्त है , विपक्ष ने जो बातें कही है वह वाकई में सही है अपने देश के नागरिकों के प्रति इतना सम्मान की भाषा तो होनी चाहिए कि उन्हें किसी अपराधी के तौर पर हिंदुस्तान में स्वीकार न किया, जाए उन्हें इज्जत की नौकरी मिले और इज्जत से काम करने के लिए उन्हें मौका मिले या हर किसी का अधिकार है।