26-04-2025 • मध्यप्रदेश भारत के विकास को गति दे रहा है : केंद्रीय गृह मंत्री शाह    • मध्यप्रदेश में निवेश का सही समय : प्रधानमंत्री श्री मोदी    • शुभ संकल्पों से समाज और राष्ट्र का उत्थान  - मुख्यमंत्री श्री साय    • तेलंगाना में निर्माणाधीन एसएलबीसी सुरंग में हादसा    • जीआईएस-2025 रचेगी भोपाल का नया इतिहास : मुख्यमंत्री डॉ. यादव    • रेखा गुप्ता होंगी दिल्ली की नई सीएम    • नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत    • तीन इजरायली और 369 फिलिस्तीनी कैदी रिहा    • क्षिप्रा का पानी होगा शुद्ध, चलेंगी नाव : मुख्यमंत्री डॉ. यादव    • हमारे रिश्तों की बुनियाद मजबूत-संजय सिंह    


08 Feb, 2025

दिल्ली में भी डबल इंजन की सरकार

दिल्ली की 70 सीटों की विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी को 48 और आम आदमी पार्टी को 22 सीटे मिली है अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी की हार स्वीकार की है उन्होंने कहा जनता का जो निर्णय है वह मुझे स्वीकार है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी को करारी शिकस्त दी है और सत्ता में वापसी की है दिल्ली की 70 सीटों की विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी को 48 और आम आदमी पार्टी को 22 सीटे मिली है अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी की हार स्वीकार की है उन्होंने कहा जनता का जो निर्णय है वह मुझे स्वीकार है।प्रधानमंत्री ने दिल्ली में भाजपा की जीत को सुशासन की जीत बताया है वहीं कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि दिल्ली के लोगों ने बदलाव के लिए वोट किया है।

12 साल पहले आम आदमी पार्टी ने अपने पहले चुनाव में केजरीवाल के नेतृत्व में सरकार बनाई थी उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार इतिहास बनाते रहे भारतीय राजनीति में आम आदमी पार्टी सबसे तेजी से बढ़ने वाली पार्टी के रूप में पहचान बनाने में कामयाब रही। और एक राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी प्राप्त किया दिसंबर 2013 में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में सरकार का गठन किया गया था कांग्रेस ने शीला दीक्षित के नेतृत्व में लगातार तीन कार्यकाल तक सरकार चलाई थी उसे दौरान दिल्ली में काफी विकास के कार्य भी किए गए थे। इस बार अरविंद केजरीवाल और उनका दल आम आदमी पार्टी अपनी पहचान बनाने में कामयाब नहीं हो सके वोटरों ने उनके प्रत्याशियों को नकार दिया कांग्रेस से भाजपा में गए काफी प्रत्याशी इस बार जीते हैं। कई सीटों पर जो मतों का अंतर भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच देखा गया उतने वोट कांग्रेस पार्टी को मिले थे । यानी यदि कांग्रेस पार्टी अपने प्रत्याशियों को खड़ा ना करती या पूर्णतया आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ती तो नतीजे कुछ और होते।आम आदमी पार्टी अब एक और जहां अपने पराजय के कारण की तलाश में लगेगी और कहां गलतियां हुई उन्हें सुधारने के प्रयास करेगी ,वहीं भारतीय जनता पार्टी अब अपने मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में किसको आगे लाएं उसे पर विचार विमर्श करेगी । कुल मिलाकर हाई कमान का निर्णय ही सर्वोपरि माना जाएगा। आने वाली कुछ दिनों में नए मुख्यमंत्री का चेहरा भी भारतीय जनता पार्टी सामने रखेगी। भारतीय जनता पार्टी के शब्दों में अब दिल्ली में भी डबल इंजन की सरकार काम करेगी।