तोड़ना टूटे हुए दिल का बुरा होता है,
जिस का कोई नहीं उस का तो ख़ुदा होता है।
माँग कर तुम से ख़ुशी लूँ मुझे मंज़ूर नहीं,
किस का माँगी हुई दौलत से भला होता है।
लोग नाहक किसी मजबूर को कहते हैं बुरा,
आदमी अच्छे हैं पर वक़्त बुरा होता है।
क्यों "मुनीर" अपनी तबाही का ये कैसा शिकवा,
जितना तक़दीर में लिखा है अदा होता है
मुनीर नियाज़ी