Vaagmi
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साहित्य
baccha baccha tera deevana

तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता है

तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता है

तेरे आगे चाँद पुराना लगता है

 

तिरछे तिरछे तीर नज़र के लगते हैं

सीधा सीधा दिल पे निशाना लगता है

 

आग का क्या है पल दो पल में लगती है

बुझते बुझते एक ज़माना लगता है

 

पाँव ना बाँधा पंछी का पर बाँधा

आज का बच्चा कितना सियाना लगता है

 

सच तो ये है फूल का दिल भी छलनी है

हँसता चेहरा एक बहाना लगता है

 

सुनने वाले घंटों सुनते रहते हैं

मेरा फ़साना सब का फ़साना लगता है

 

'कैफ़' बता क्या तेरी ग़ज़ल में जादू है

बच्चा बच्चा तेरा दिवाना लगता है

 

                                  कैफ़ भोपाली